हम सब इस जीवन में परिंदा बनना चाहते हैं काश परिंदो की भी सुनो कभी कहते है कितने झझंट हैं भाई इस जीवन को जीने में .......!!! तुम्हारे तो ठाठ हैं भाई .....।।। कभी इस दुनिया में आओ तब जानो कितनी पाबंदियों से हम बंधे हैं भाई दाता के दिए इस जीवन को डर डर कर जीते हैं ©heartlessrj1297 #ballet #heartlssrj1297 #hindi #english #nojoto #news #writer #poem #twoliner Anil Ray