देश पे कर्ज़ 133 लाख करोड़ अब थमने का नाम नहीं ! बोल बच्चनी कर लेते हैं, देश चलाना काम नहीं !! 2014 में ये था 55 लाख करोड़ ही ! 67 सालों में लिया कर्ज़, 82 हजार करोड़ प्रति वर्ष की दर रही !! इन 8 वर्षों की बढ़त 78 लाख करोड़ पार रही !! नौ लाख पचहत्तर हजार करोड़ प्रति वर्ष इनआठ वर्षों मे दर पड़ी !! कर्ज बढ़ने की दर 1200% तक आ पहुँची ! सरकार ने बनाया नहीं कुछ, बना बनाया बेच खा चुकी !! आपको उन्माद में उलझा रखने में माहिर हैं ! लुट रहे हैं देशवासी ये अब साफ़ जगज़ाहिर है !! सरकार डूबी तो सारे सरकारी बैंक भी डूब जायेंगे ! सभी देशवासी एक झटके में सब कुछ गंवायेंगे !! #loans #aaveshvaani #janmannkibaat #janhitkiramayan #people #indians