हाँ..नशा है मुझे तेरी लेखनी का जो लिखता है तू उसमें डूब जाने का पढ़ती हूँ तेरे हर एक लफ़्ज में खुद को ही मैं जानती हूँ मेरी चाहत में झूम लिखता है तू पता है मुझे,शराबी बन चुका है मेरे इश्क़ में तू खोजता है तू भी,मेरी लेखनी में ख़ुद को ही संभाल दिल को अपने,मत डूब मेरी नज़रों में इतना गहरा तू शराबी बन रह जायेगा बस,मेरी झूठी चाहत में तू Muनेश...Meरी✍️🌹 #शराबीn #नवरचना 👉6 से 8 पंक्तियों में ' शराबी ' ( पर आधारित ) पर अपनी रचना करें । हमारी टीम द्वारा पंक्तियों को 6 से 8 के बीच करना रचनाकारों को स्वतंत्रित करना है । 👉@ Collab करने के बाद कमेंट में Done लिखें । 👉11:30 pm तक आपको रचना पोस्ट कर दें । 👉यह एक काव्य प्रतियोगिता है जिसमें कवियों को एक विषय दिया जायेगा जिससे सम्बंधित नियम उस विषय के caption में रहेगा । 👉@ प्रतिदिन एक रचना को विजयी घोषित किया जायेगा तथा नवरचना साहित्य पब्लिकेशन्स की टीम यदि दो रचनाओं में विभेद नहीं कर पाती है तो