इश़्क के दामन पर दाग़ न लगे तो बेहतर है ज़िन्दगी भर सर झूकी - झूकी सी रहती है माना वफ़ा के नाम पर कई 'गुनाह' होते हैं चली गई 'आबरू' मौत के समान होती है जी कर भी "ज़िंदगी" खाना खराब होती है सिसकता दिल रंजो गम़ भी तड़पते होते हैं उम्र भर गीले "आँसू" सुखे पलकों पे होते हैं जाओ ये उनसे पूछो कोई जो 'तबाह' होते हैं ©Anushi Ka Pitara #रंजो_गम #आँसू #तड़पता_दिल #दाग़