दर्द होता नहीँ दुनिया को बताने के लिए हर कोई रोता नहीँ आँसू बहाने के लिए रुठने का मजा तो तब है जब कोई अपना हो मनाने के लिए… कई बार मन में कई दुविधाओं का जन्म होता है...मन का एक हिस्सा कुछ कहता है दूसरा कुछ..... जैसे एक हिस्सा पानी तो दूसरा मरुस्थल हो.... दोनों की चाह अलग.... दोनों का अपना वजूद... किसकी माने... दोनों अपनी अपनी जगह सही..... खैर सारी दुविधाओं को जन्म हम देते है... तो हल भी स्वयं हम ही हैं.... जो समस्या मन के भीतर आकार ले उसका हल या समाधान बाहर खोजना ठीक वैसा ही है जैसे हिरण की नाभी में उपस्थित कस्तूरी को हिरण के द्वारा वन वन खोजना.... 👆👆👆👆👆👆👆👆👆👆👆 😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮 ये सब क्या कह रही हूँ पता नहीं 😅😅😅 मगर जो भी है कुछ समझदारी भरा ही लग रहा है 🤣🤣🤣 इतनी छोटी सी उमर में इतना सारा ज्ञान अप्पू लाती कहा से हो तुम... कि कई बार तुम्हारी बातें तुम्हारे ही पल्ले नहीं पड़ती... 😂😂😂😂