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तुम्हारी आस लगाएं बैठी हूं मैं मुझे दर्शन कब दोगे

तुम्हारी आस लगाएं बैठी हूं मैं मुझे दर्शन कब दोगे प्रभु।
जीवन की अभिलाषा मेरी इस जीवन को सफल बना दो प्रभु।
 सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक 

शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखें

1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें

2. इस वाक्य को अपने सुंदर शब्दों से पूरा करें
तुम्हारी आस लगाएं बैठी हूं मैं मुझे दर्शन कब दोगे प्रभु।
जीवन की अभिलाषा मेरी इस जीवन को सफल बना दो प्रभु।
 सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक 

शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखें

1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें

2. इस वाक्य को अपने सुंदर शब्दों से पूरा करें