ढूंढा आज की सरहद पे ... ढूंढा ज़िन्दगी के वृहद में ... ढूंढा अनुमानों की जद में ... ढूंढा समय के मद में ... कल कहीं नहीं नज़र आया मुझे । तलाशा बची खुची उम्मीदों में तो पाया .... कल तो मैंने आज ही जी लिया। - अदिती अग्रवाल सुप्रभात। देखो तो ज़रा, ये कल है कहाँ! #कलकहींनहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi