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तरसते हैं अब वक़्त की एक-एक पायी को, मुफ़लिसी में थे

तरसते हैं अब वक़्त की एक-एक पायी को,
मुफ़लिसी में थे तब मालामाल हुआ करते थे। #वक़्त #मुफ़लिसी #मालामाल #time #bestyqhindiquotes #yqshayari #hindishayari #shayri
तरसते हैं अब वक़्त की एक-एक पायी को,
मुफ़लिसी में थे तब मालामाल हुआ करते थे। #वक़्त #मुफ़लिसी #मालामाल #time #bestyqhindiquotes #yqshayari #hindishayari #shayri