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हाँ, मुझे एकांत बहुत प्रिय हैं... बहुत से लोग कहत

हाँ, मुझे एकांत बहुत प्रिय हैं... 
बहुत से लोग कहते हैं, 
ये न किसी से ज्यादा बात करती है...
न ही कहीं किसी के साथ ज्यादा आती जाती हैं... 
बहुत  ego h, attidute h घमंडी है और न जाने
 क्या- क्या... कहते है, 
अब उनको कैसे समझाऊँ की
हाँ, मुझे एकांत प्रिय है... क्युंकि? 
एकांत में खुद से ज्यादा रु- ब- रु हो पाती हूँ... 
खुद को समझने की कोशिस करती हूँ... 
हाँ, मुझे एकांत बहुत प्रिय हैं... 
मुझे खुद के साथ समय बिताना अच्छा लगता हैं, 
मुझे इन बादलों से पंछीयों से... 
वृक्षों से इन फूलों का रस चुस्ती इन भौरों से, तितलीयिओं से..... बाते करना अच्छा लगता हैं, 
हाँ, मुझे एकांत में रहना बहुत अच्छा लगता हैं.....
हाँ, मुझे एकांत बहुत प्रिय हैं....।। 

😊😊😊

©Sweety mehta
  #GoldenHour #ekant😊
nojotouser1247402942

Sweety mehta

Bronze Star
New Creator

#GoldenHour ekant😊 #Poetry

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