वक्त की आहट को जान । नसा को तु नही नसा तुझे अन्दर _ अन्दर हि खाता जा रहा है । एक बार दिल ,किटनी फेफङो से पूछ , उनक दर्द किस हद तक बङता जा रहा है । बकी तु खुद समझदार है , धीरे धीरे समझ जाये गा । Ameesa patel नसा