'तीन तलाक' सम्बन्ध विच्छेद के १४०० वर्ष अघाती,अमानवीय और अब असंवैधानिक अनैतिक यत्न का अभूतपूर्व अभ्यास असंतुलित पर जीवित और अब अन्याय राजतंत्र,समाजतन्त्र और गणतंत्र की चुनौती औचक,अडिग और अब अभद्र परिवारवाद पर मानव निर्मित प्रथम प्रलय आशाविहीन और अकाल्पनिक स्थिति और अब असंतोष (अनुशीर्षक में जारी ) अनैसर्गिक पहचान कमी और जीविका हत्या आंशुओ,अत्याचारों को लिए अकेला और अब असहज पुरुष प्रधान समाज का नारी कामयुक्ति करण अपारम्परिक और दबाब से अनसुनी और अब अधर्म मिली-भगत और अकार्मिक स्वतंत्रता का स्वर्णयुग असहयोग,अंतरराजकीय और अब आधुनिक ऊपर का भय या ऊपर से भय अपार विस्तार,अनोखी कटरता और अब अकेला