रूस यूक्रेन युद्ध का असर यूक्रेन पर शिक्षा हासिल कर रहे भारतीय छात्रों पर भी हुआ है एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 18 से 20000 भारतीय छात्र यूक्रेन में मेडिकल शिक्षा ले रहे थे स्पष्ट है कि मेडिकल की पढ़ाई आसान और फीस कम होने की वजह से भारतीय प्रतिभा यूक्रेन रूस अमेरिका की ओर पलायन करते हैं भारत के शिक्षा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ रही है जो छात्र 90% अंक अर्जित कर रहे हैं वह भी भारत की कॉलेजों में अपनी पसंद का कोर्स नहीं कर पा रहे हैं हाईस्कूल और इंटर कॉलेज की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने पर के बावजूद वह इंजीनियरिंग या मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने की आवश्यकता और मानसिक संताप झेल रहे हैं कुछ छात्र अधिक मेहनत करने के बावजूद प्रवेश परीक्षा पास करने में असमर्थ है नतीजा वह किसी अन्य विकल्प को नहीं सुन पाते ना चाहते हुए भी व्यवसाय को अपनाते हैं निजी कॉलेजों में प्रवेश के लिए छात्रों को फीस के रूप में एक मोटी रकम का भुगतान करना पड़ता है विदेशी विद्यालय द्वारा एक साथ भारत के छात्रों को अधिक आकर्षित करती है पाठ्यक्रम के अनुसार भारतीय शिक्षा प्रणाली कटोरा लेकर विदेशी विश्वविद्यालय हैं जहां पर आप एक सकते हैं एक छात्र प्रमुख दौरे और निशुल्क विक्रम का चयन कर सकता है इसके अलावा नौकरी की संभावना है कारण है कि अधिकांश कंपनी है जो अपने देश में काम करने के साथ-साथ विदेश में भी अच्छी तरह से काम कर सकते हैं इस प्रकार विदेशी विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त फायदा मिलता ©Ek villain #प्रतिभा पलायन को रोकने की चुनौती #MusicLove