इस नाज़ुक दौर में, हम सभी कतार में हैं। अपनी अपनी व्यथा लिए, मौत के बाज़ार में हैं। यहांँ डर है प्राकृतिक आपदाओं का, कोराना और भूकंप के झटकाओं का। हर वक्त है मौत का साया, हम ऐसे संसार में हैं। कोई भूखा है, कोई रोगी है, भला कौन इसका दोषी है? "मन" आंख में आंँसू हैं सभी के,और अच्छे दिनों के इंतजार में हैं। दुनिया एक ऐसे मक़ाम पर आ चुकी है जहाँ हम सभी क़तारों में लगा दिए गए हैं। #क़तार #yqdidi #cinemagraphcollab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi