ज़ोया 🖤 मैं और मेरा साया खूब साथ निभाया, कभी मेरे आगे आगे चला, कभी पीछे से साथ चला, कभी दाएं,कभी बाएं दिखा.. इक वक्त का लम्हा ऐसा आया, सिकुड़ के पांव के पास ही था साया