फिर से होंगे उम्मीदों के सवेरे आते-जाते हैं धूप, छांव और अंधेरे पर फिक्र किस बात की..... तू साथ मेरे मैं साथ तेरे। सुप्रभात। परिस्थितियों से व्यथित नहीं होना मन मेरे विचलित नहीं होना मन मेरे... #विचलितमतहोना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi