कभी तुम, नंगे पांव आना., मुझसे मिलने.. ताकि मैं, सहेजकर रख सकूं., तुम्हारे 'पदचिह्नों' की, उन स्मृतियों को.. और, तुम्हारी अनुपस्थिति में भी., मैं लुत्फ़ ले सकूं 'बिट्टू'., तुम्हारे आगमन का.. ©Balram Bathra #पदचिह्न