संसद के बजट सत्र के पहले चरण में जिस तरह बिना किसी बाधा के कामकाज हुआ है वह एक शुभ संकेत है इसलिए अधिक महत्वपूर्ण की पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने के बाद भी संसद के दोनों सदनों सही चल रहे थे इस दौरान न केवल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर व्यापक चर्चा हुई बल्कि आम बजट पर भी दोनों पक्षों के अनेक नेताओं की ओर से ऐसा व्यक्ति दिए गए जिससे सार्थिक घास का उद्देश्य पूरा होता हुआ दिखाएं और उन दिनों का समय भी हुआ यादव संसद में होने वाली बहुत सारे देश का ध्यान आकर्षित करती थी और सब से कुछ बहुत ग्रैंड भी करती थी संसद में होने वाली बहस का बेहतर स्तर लोकतंत्र को परिपाक बनाने का तो काम करती है देश की समस्याओं के समाधान में भी सहायक बनता है जहां तक देश को दिशा देने के काम करती है वहीं हंगामा और शेर लोकतंत्र को कमजोर करने का काम करती बजट सत्र से पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष ने व्यक्ति की बहस और नौ रूपों की भी हुई है लेकिन यह कोई असामान्य बात नहीं है लोग सुंदर में ऐसा होता है समस्या तब होती है जब कार्यवाही बाधित हो जाती है कई बार तो ऐसा हुआ भी कामकाज होने के बजाय केवल नारेबाजी में हंगामा होता रहा अतीत में ऐसे शब्द देखने को मिले हैं ©Ek villain #बजट सत्र का पहला चरण #hugday