रहकर तुझसे दूर, कुछ यूँ वक़्त गुज़ारा मैंने ना होंठ हिले, ❤ ❤ ❤ ना आवाज़ आई फिर भी हर वक़्त तुझको पुकारा मैंने। #Banna_poetry