यही तो प्रेम विरह का रोग है,पास आने को कहते वे संजोग है। जो हमारे अपनों के यादों में,हमें दिन रात के दिखाते वियोग है। सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखें 1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें 2. इस वाक्य को अपने सुंदर शब्दों से पूरा करें