मैं गुलाब नहीं लाया हूँ कुछ महकते रिश्तो का नया आयाम लाया हूँ तुम जब चलोगी नंगे पैर मैं ठंडी छाव लाया हूँ हटा सकू तेरे राह का हर कंकर ऐसी सौगात लाया हूँ मुस्कराता रहे तेरा गुलाब सा मुखड़ा इसके लिए हल्की फुहार ले आया हूँ तेरे साथ रहूंगा गुलाब का कांटा बनकर जो पंखुड़ी तोडना चाहे उसको नोचने आया हूँ राजोतिया भुवनेश ©Rajotiya Bhuwnesh jangir #roseday #roseday