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स्वर्ण जड़ित तुम नही बनाना सिर का ताज मुझे लेकिन,

स्वर्ण जड़ित तुम नही बनाना सिर का ताज मुझे लेकिन,
बारम्बार विनय मेरी तुमसे चरण पादुका बन जाने दो।

रुक्मिणी का तुम भाग्य मुझे गर नही बना सकते कान्हा तो,
राधिका के तुम पावन प्रेम का अक्षर मुझे बना देना, 
चाहे त्रिभुवन नही बनाना तुम खुशियों का गीत मुझे पर , 
तुम मीरा के मन की पीड़ा का स्वर मुझे बना देना,

तुम पर चढ़ने वाला मुझको पुष्प नही बनना मोहन पर, 
मुझे गले की माला का इक टूटा मनका बन जाने दो। #याचना #nojoto #श्रीकृष्ण
स्वर्ण जड़ित तुम नही बनाना सिर का ताज मुझे लेकिन,
बारम्बार विनय मेरी तुमसे चरण पादुका बन जाने दो।

रुक्मिणी का तुम भाग्य मुझे गर नही बना सकते कान्हा तो,
राधिका के तुम पावन प्रेम का अक्षर मुझे बना देना, 
चाहे त्रिभुवन नही बनाना तुम खुशियों का गीत मुझे पर , 
तुम मीरा के मन की पीड़ा का स्वर मुझे बना देना,

तुम पर चढ़ने वाला मुझको पुष्प नही बनना मोहन पर, 
मुझे गले की माला का इक टूटा मनका बन जाने दो। #याचना #nojoto #श्रीकृष्ण