मेरी ख़ामोशज़दा शय में ख़ुद को ढूँढते हो मेरे लफ़्ज़े बयाबाँ में तराशते हो ख़ुद को ग़फ़लतीं! यों ढूँढते-ढूँढते खो गए हो कहीं बारगी धड़कनों की ख़बर लेते नहीं पर्दा-ए-नज़र में नज़र को ढूँढते हो यों तो ढूँढता हूँ तुम्हें मैं भी शज़र सब्ज़ दिल! दूर तक बंज़र है नज़र #toyou#yqsearchingfor#yqlife#yqopaque#yqbaba