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मैं बिगड़ गया त ऊटूं नहीं गा दो दो चिरंजीवी दादा

मैं बिगड़ गया त ऊटूं नहीं गा दो दो 
चिरंजीवी दादा मेरे,  जडे यम अर होणी आवं सोच क उन गोलियां में स महल मेरे थारे पाप की लंका मेरे वशंज जलावंगे ये शब्द राखिए मेरे

©Anand mokhra
  #वंशज_वशिष्ठ_के