हर खुशी मे कोई कमी-सी है, हंसती आँखो मे भी नमी-सी है, दिन भी चुपचाप सर झुकाएं था, रात की नब्ज भी थमी सी है, किसको समझाये किसकी बात नहीं, जहन और दिल मे फिर भी ठनी सी है । -जावेद अख्तर #javed_akhtar #Gajal