जो भी हुआ ...अच्छा हुआ। वक़्त का ही तकाज़ा था।। वरना हर वक़्त उसी में ही टूटना था। और उसी में ही सिमटना था।। हमनें-उनमें झुकना क्या सिखा। उन्होंने तो मुद्दतों तक झुकाना ही सिखा लिया।। कीर्ति 29/june/2020 #Love #kavita #स्वरचित #मौलिकता