सुबह को सूरज की किरणें कुछ अधूरे सपनों को पूरा करने की उम्मीद जगाती है दिन भर सपनों के पीछे भागने के बाद रात को चुपके से निंदिया रानी हमें अपनी गोद में सुलाती है। ©Mahi Rawat #four lines poetry