हर बरस तू आती है मुस्कुराते हुए मुस्कान लेकर आती है झोली भर भर के आशीष लेकर आती है पर क्या कोई तुझे सच में पूजा करता है? कोई तुझ से तेरी हाल कभी पूछता है? देख तेरे दर के आगे इंसानों का मेला लगा है पर क्या तुझे कोई इंसान नज़र आती है? माँ........ तेरे आगे माथा भी जो टेकते हैं फल फूल धूप से जो तुझे मोहोने की कोशिश करते हैं वो सब अपनी मन मे अनगिनत स्वार्थ लेकर आते हैं ये मन्नत मेरी गर पूरी हो तो तुझे सोने की कलश चढ़ाऊंगा और स्वार्थ पूरी न हो तो सब तुझीको कोसते हैं। खैर तू तो मिट्टी से बनी माँ है चुप चाप सब सह लेती है मुस्कुराते हुए मुस्कान लेकर आती है झोली भर भर के आशीष लेकर आती है हर बरस तू आती है। #माँ #दुर्गापूजा #दशेरा #yqdidi