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रणभूमि ना छोड़ना, विजय होगी या पर अजय होगी, यह भाग

रणभूमि ना छोड़ना,
विजय होगी या पर अजय होगी,
यह भाग्य और कालचक्र तय करता है,
 परंतु 
करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान,
रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान,
  
जिस प्रकार निरंतर पत्थर पर,
 कोमल रस्सी के आने जाने से,
 रायगढ़ द्वारा एक बन जाता है,
उसी तरह मनुष्य अगर निरंतर,
प्रयास करते रहे तो उसे सफलता
अवश्य प्राप्त होती है,
all the best to all BPSC student for the exam

©sweta kumari #blindtrust 
#BPSC
रणभूमि ना छोड़ना,
विजय होगी या पर अजय होगी,
यह भाग्य और कालचक्र तय करता है,
 परंतु 
करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान,
रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान,
  
जिस प्रकार निरंतर पत्थर पर,
 कोमल रस्सी के आने जाने से,
 रायगढ़ द्वारा एक बन जाता है,
उसी तरह मनुष्य अगर निरंतर,
प्रयास करते रहे तो उसे सफलता
अवश्य प्राप्त होती है,
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