कौन है भला यहां ऐसा,जिसे अच्छा न लगे छाता घुमाना बारिश में, छत से हो या छतरी से,सभी को अच्छा लगे,हाथ में बुंदे लेना बारिश में| उठाकर गर्दन अपनी आसमान में,पानी की बूंदे लेना मुंह में, मजा आए,जो ना भीगे उसे भी खींच कर लाना,और भीगाना बारिश में| चले कोई आगे कोई पीछे चले थाम हाथ बारिश में, रास्ता जब समझ ना आए,एक दूजे का हाथ पकड़ साथ चले बारिश में| गरजे बादल बिजली चमके,धड़कन भी तेज हो जाए बारिश में, पेड़ो के भीगे पत्तों से गिरती बूंदे देखना भी,मन को भाए बारिश में| भीगना कतई पसंद नहीं "योगेश" को ऐसी बारिश में, फिर भी काफी मजा ले "योगेश",लोगों को मजा लेते देख इस बारिश में| चरण दूसरा.. कोशिश की है..देखते है| #रिमझिमग़ज़ल #kkरिमझिम #रिमझिम #कोराकाग़ज़रिमझिम #विशेषप्रतियाेगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ कौन है भला यहां ऐसा,जिसे अच्छा न लगे छाता घुमाना बारिश में, छत से हो या छतरी से,सभी को अच्छा लगे,हाथ में बुंदे लेना बारिश में| उठाकर गर्दन अपनी आसमान में,पानी की बूंदे लेना मुंह में, मजा आए,जो ना भीगे उसे भी खींच कर लाना,और भीगाना बारिश में| चले कोई आगे कोई पीछे चले थाम हाथ बारिश में,