बेवकूफ थे शायद हम,जो सोच थी हमारी के ये बीतता वक़्त शायद , धुंधली कर देगा उनकी यादें।। नासमझी थी हमारी, जो लगता था हमें की ये वक़्त, धीरे-धीरे ही सहीं पर मिटा देगा उनकी सारी बातें।। यादें जो छिपी हुई हैं मन मे, बातें जो दबी हुई हैं दिल में, पर ,क्या जो छिपा हुआ है,दबा हुआ है उसका वजूद कभी मीट सकता है???? क्या धरती में बिना छिद्र के पानी बाहर आ सकता है????? नहीं शायद कभी भी नहीं........ #poetry #Nojoto_hindi #kvigyan #kvishala #TST