मेरे सीने में कोई समंदर जहाज है जिसका कोई साहिल नहीं वो उफनता है, जलजले सा और सफ़र हो जाता है लहरों के काफ़िले से गुजरता है बेवजह और उफ़क़ पर रवां होता है आसमाँ ना वक़त का लिहाज, ना ज़ाबित का कोई ज़िक्र काफ़िर की दुआ है कोई बैरंग लिफाफे सी #mera_aks_paraya_tha #मेरा_अक्स_पराया_था #skand #tasavvuf #bairnag #बैरंग