____पिंजरा____ आज फिर रिहा किया उस पंछी को, जो कैद था.. असंभव की कैद में... और उसकी उड़ान.. उसका अपना आसमान असीमित कल्पनाओं का जहान चित्रित किया हृदय में। अब सिर्फ देर है तो.. मस्तिष्क को यकीं दिलाने की कि, पंछी है.... -(२) मेरे ही आईने में! फिर हवा की दिशा काली घटा मन की दशा सब रुख मोड़ लेंगे विजयश्री की ओर! #inspiration #selfmotivation #upsc #dreamscometrue #visionboard #visualization