🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺 देख सबको महलों की परी, रोये कविरा आज । साथ में फूटी कौड़ी नहीं, बांटे हैं आवाज़ ।। जुगीरा नारेनारेना...................... भीखना से जाकर पूछो कि, होली कैसे होय । घर में नहीं है दाल चावल, बोली कैसे होय ।। जुगीरा नारेनारेना........................... 🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺 -- रवि शंकर वत्स✍ 🌺🌸🌺🌸🌺🌺🌺🌸🌺🌸🌺 #holi #love #आवाज़ #फूटी #कौड़ी #poetry #Holi 🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺 देख सबको महलों की परी, रोये कविरा आज । साथ में फूटी कौड़ी नहीं, बांटे हैं आवाज़ ।। जुगीरा नारेनारेना...................... भीखना से जाकर पूछो कि, होली कैसे होय ।