मुझे ऐसे तुम नोच खाओ की जैसे मरे जीव पे चील कौवे पड़े हों... तो शायद तुम्हारा भी जी फिर भरे वो कीच-कीच वो कच-कच किसी और से हो.. अभिषेक राय "अभियांश" writer Palvi Chalana