दर्द और दवा मिल जाये "नफ़रत" से राहत,वो "हवा" बता दो, दर्द-ए-दिल "इश्क" की दर्द-ए-दवा बता दो! मेरे जख्मो को ओर "जख्म" ना दें,ए मेरी महोब्बत, कौन-सी थी "खता" मेरी, वो खता-बता दो !! कलमकार... - अंकित कुमार निगम... Mob No-7037691461 "नफ़रत से राहत" By-Ankit Kumar Nigam