Nojoto: Largest Storytelling Platform

किसी को जरूरत नहीं तुम्हारी खैरात की मुहब्बत, यहां

किसी को जरूरत नहीं तुम्हारी खैरात की मुहब्बत,
यहां सभी दौलतमंद की तलाश में हैं।
लौट जाओ तुम अपने शहर को,
इस बाज़ार में और भी कई दुकानें हैं
खरीदार तो बहुत है मुहब्बत के,
मगर बाज़ार में अभी मंदी बहुत है,
     थोड़ा सब्र रखो मुहब्बत खैरात की चीज़ नहीं है
     बिकने दो अभी पुराने को, भाऊ भी बढ़ेगा और नए      खरीदार भी आयेंगे ।
     थोड़ा सब्र रखो अभी दिल लगाने बहुत आयेंगे।

©यश चौधरी
  #Aasmaan #Love #poem #YourQuoteAndMine #Life #Life_experience #THE_YC_EMPIRE #nojota #Poetry #Quote   Dr. Ravi Sagar Talent Tok Media moderatorNJT01 kritika