एक वक्त था जब हम भी गुनगुनाया करते थे एक वक्त था जब हम भी पहेलियाँ बुझाया करते थे, एक वक्त था जब हम हर गम से अन्जान यारो की टोलियों संग दूर बेफिक्र महफ़िल सजाया करते थे, एक वक्त था जब हम पेङो की पगडंडियो पर गुल्ली-डंडा खेला करते थे पर अब वो वक़्त वापस कैसे लाए बस साथ में रह गई है तो सिर्फ भूली बिसरी यादें #भूली बिसरी यादें #