क्यों निकलती है इतनी सुबह , क्यों नींद भी खुल जाती है इतनी सुबह, क्यों रात भी कहीं गुम हो जाती है इतनी सुबह, क्यों ये घर से दूर ले जाती है इतनी सुबह सुप्रभात। जीवन रूपी नदी में सब अपनी अपनी नावों में सवार हैं और अकेले ही हैं। #नावअकेली #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi