बुरे का बुरा सही है, मेरी अच्छाई में तो खोट बड़ी है, रिश्ते की बात तुम कह रहे हो, निभाने में जिसने की हमेशा कमी है, इश्क़ आशु बन आया है, देख तूने मुझे कितना रुलाया है, एक-एक क़तरा अलग हुआ, छल्ली दिल टूट कर फिर ना जुड़ पाया है, एक ख़्वाब सजाया था मैंने, ये कैसा आशियाना बनाया था मैंने, भ्रम अब कहीं जा कर सच हुआ है, लोगों ने ठीक ही बताया था मुझे मेरे लिए।। बुरे का बुरा सही है, मेरी अच्छाई में तो खोट बड़ी है, रिश्ते की बात तुम कह रहे हो, निभाने में जिसने की हमेशा कमी है, इश्क़ आशु बन आया है, देख तूने मुझे कितना रुलाया है,