क्या सोंचा तुम ने, कि तुम ने जो उनके लिए किया वो भी तुम्हारे लिए करे? तो मेरे साहब गलत फहमी तो किसी को भी हो सकती है? अब इसपर मुझे हंसी आ जाए तो अपनी बेइज्जती न समझिएगा, जनाब ! किसे सुनाऊँ