है नमन उनको की जो राष्ट्र के निर्माता है , लेके अपनी मजबूरियों को , राह दुर्गम चल पड़े है ईंट ईंट से जोड़ कर जो देते हम सभी को क्षत्र है , धूप के आगोश में , छांव को निकल पड़े है भूख प्यास पीड़ा सह कर जो निरंतर चल रहे है है नमन उनको जो खुद कहें कुछ भी नहीं पर पांव के छाले कह चले है ,, #मजदूर #श्रमिक #lockdown #Nojoto