शायरी अगर बात नहीं करनी थी तो सीधा बोल देते, हम कौन सा जबरदसती आप से बात करवाए, जा रहे थे। अगर नहीं थे हम आपकी दोस्ती के काविल तो सीधा बोल देते। फिर हमें कयूं झूठी उम्मीदों और झूठे दीलासें में, जलाए जा रहे थे। Meenakshi Sharma झूठा