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पारो का पुनर्जन्म पारो व्याकुल थी ससुराल में ।विवा

पारो का पुनर्जन्म
पारो व्याकुल थी ससुराल में ।विवाह से कुछ दिवस पूर्व देवदास की मृत्यु की खबर जो आई थी ,परिवार और समाज के विरुद्ध जाकर देव के संग सुखद भविष्य के सपने संजोए दहलीज पार करने ही वाली थी की चुन्नीलाल ने देवदास की दुर्घटना में मृत्यु का समाचार दिया था ,मृत्यु तो उसी क्षण हो गई थी पारो की भी ।शव रूपी शरीर विवाह का प्रतिकार ना कर पाया ।पूरे दो माह मृत शरीर कभी पाषाण हृदय का भार उठाता ,कभी पाषाण हृदय मृत शरीर का । आज सहसा अपने देवदास को एक भोजनालय के बाहर अपने समक्ष देखकर एक क्षण के लिए  पुनर्जीवित हो उठी थी पारो मगर दूसरे ही क्षण चंद्रमुखी और दो वर्ष की पुत्री को देखकर पुन:मृत्यु हुई पारो की।इधर देवदास की आँखो में अपने सुखी जीवन की याचना का भाव भी तो पढ़ लिया था पारो ने  । 
                             आज एक पारो का पुनर्जन्म हुआ था । 
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#CityEvening
पारो का पुनर्जन्म
पारो व्याकुल थी ससुराल में ।विवाह से कुछ दिवस पूर्व देवदास की मृत्यु की खबर जो आई थी ,परिवार और समाज के विरुद्ध जाकर देव के संग सुखद भविष्य के सपने संजोए दहलीज पार करने ही वाली थी की चुन्नीलाल ने देवदास की दुर्घटना में मृत्यु का समाचार दिया था ,मृत्यु तो उसी क्षण हो गई थी पारो की भी ।शव रूपी शरीर विवाह का प्रतिकार ना कर पाया ।पूरे दो माह मृत शरीर कभी पाषाण हृदय का भार उठाता ,कभी पाषाण हृदय मृत शरीर का । आज सहसा अपने देवदास को एक भोजनालय के बाहर अपने समक्ष देखकर एक क्षण के लिए  पुनर्जीवित हो उठी थी पारो मगर दूसरे ही क्षण चंद्रमुखी और दो वर्ष की पुत्री को देखकर पुन:मृत्यु हुई पारो की।इधर देवदास की आँखो में अपने सुखी जीवन की याचना का भाव भी तो पढ़ लिया था पारो ने  । 
                             आज एक पारो का पुनर्जन्म हुआ था । 
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