कब तक आखिर तुम बचोगे भला, पाप के भागीदार तुम ना होगे भला। भगवान जब तुमसे हिसाब मागेंगे, कैसे और क्या तुम कहोगे भला। मारकर हमें और इतना तड़फाकर, अच्छी मौत तुम कैसे मरोगे भला। गठरिया पाप की जब भर जायेगी, उठाकर तुम कैसे चलोगे भला। तुम्हारी करनी का फल ही है वो, तुम उसे कैसे इतना भरोगे भला। मेरे तरह तुम्हें जब मारा जायेगा, हम सह लिये तुम कैसे सहोगे भला। अगर सोचते हो कि बच जाओगे, कौन सी दुनिया में रहोगे भला। जिस कलश का विष पी रहा हूँ मैं, बोलो तुम कैसे ना पियोगे भला। इतना गहरी खोद रहे हो खाईं, तुम आखिर कैसे ना गिरोगे भला। पाप और पुण्य का हिसाब होता है, सब किये तुम कैसे ना करोगे भला। जब तुम्हे गलती का अहसास होगा, सब खतम हुआ तो किसका करोगे भला। मौत तो आनी है क्योंकि सत्य अटल है ये, मैं मर रहा हूँ तुम कैसे ना मरोगे भला। #jucticeforapril #nozotopoem #poetry #dog #savelife #savedog