ज्यों ज्यों हुई तेरी नजरे पुरानी, बातें करने लगी वो बड़ी सुहानी, भाँपने लगी है दिल के सारे हाल, अब तेरी आँखे जाने हर निशानी। पुरानी हुई नजरों की नादानी, अनुभवों से बन गयी है रूहानी, जाँचने लगी है अनजाने सवाल, आँखें अब नही रही अनजानी। आँखें पढ़ने लगी हर परेशानी, बिन बोले बताती सारी कहानी, हालातों का होने लगा है ख्याल, नजरे अब नही करती मनमानी। कवि आनंद दाधीच। भारत। ©Anand Dadhich #नजरे #nightpoems #kaviananddadhich #poetananddadhich #lovepoems #poetsofindia