व्यवस्थाएं जब खोखली होने लगें तो मूल पर त्रिशूल से प्रहार करना चाहिए सभ्यताएं यही सिखाती सदियों से रोग का समूल नाश करना चाहिए समतल कर नवीन नीति नियमों के प्राचीरों का फिर निर्माण करना चाहिए . धीर निर्माण करना चाहिए