घर मेरा समंदर में उतरी नाव है नाविक माँ , पापा मेरे पतवार है । डगमगाती है कभी , कभी संभल जाती है कुछ उतार चढ़ाव , कभी ख़ुशियों की लहरों से गुजरता मेरा ये परिवार है । घर मेरा समंदर में उतरी नाव है नाविक माँ , पापा मेरे पतवार है । #Family मेरे दिल के सबसे करीब है ये कविता 🙏🏼🙏🏼🙏🏼