अब दो चेहरे हैं मेरे, एक मेरा एक आप का एक सच्चा, एक बनते बिगड़ते हालात का, मेरे में, कुछ दर्द छुपा है, कुछ भाव छुपा है कुछ बातें अनकही सी, और कुछ धैर्य छुपा है चंद उम्मीदें टूटी सी, और बिखरता ख्वाब छुपा है कुछ पहचाने चेहरे, कुछ ना समझा अल्फ़ाज़ छुपा है कुछ शिकवा कुछ गिला और बहुत सा राज छुपा है