उनके इश्क में हम हद से गुजर गए जो कभी ना कर सकते थे,वो भी हम कर गए। फिर भी वे कहते हैं क्या किया तुमने मेरे लिए दिल मेरा अंदर ही अंदर रो पड़ा और बोला,अभी तक मैं जिंदा था वो किसके लिए। दिल मेरा आज समझा क्या अहमियत है उनके दिल में मेरे लिए। जिनकी राह में रोज बिछाता था फूल चलने के लिए भर रखा है ना जाने कितना जहर अपने दिल में,उन्होंने मेरे लिए। रस - श्रृंगार रस #rzहिंदीकाव्यसम्मेलन #restzone #rzरसग़ज़ल