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लदी डाल थी वृक्ष हरे थे, हम तो कोसों दूर खड़े थे, म

लदी डाल थी वृक्ष हरे थे,
हम तो कोसों दूर खड़े थे,
मगर लिए पहचान दूर से,
वृक्षों में फल फूल सजे थे।
रहा सुलगता हर दिन हर क्षण,
मानव के मन का अंगारा,
लिए गाड़ नदियो की कल कल,
रहा भटकता है बंजारा,
नज़र पड़ी फिर चलते चलते,
शाखों में तो पुष्प भरे थे। लदी डाल #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yqhindipoetry
लदी डाल थी वृक्ष हरे थे,
हम तो कोसों दूर खड़े थे,
मगर लिए पहचान दूर से,
वृक्षों में फल फूल सजे थे।
रहा सुलगता हर दिन हर क्षण,
मानव के मन का अंगारा,
लिए गाड़ नदियो की कल कल,
रहा भटकता है बंजारा,
नज़र पड़ी फिर चलते चलते,
शाखों में तो पुष्प भरे थे। लदी डाल #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yqhindipoetry
sanu7233911295746

सानू

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